नवदुर्गा कवच अति पवित्र और बहुमूल्य है। इसे ख़ास नैनो तकनीक के माध्यम से आधुनिक रूप में तैयार किया गया है। इस कवच में माँ नवदुर्गा की भव्य प्रतिमा है। माँ भगवती से संबंधित मंत्रों के माध्यम से इसे सक्रिय किया गया है। वैसे तो नवरात्रि के पावन अवसर पर माँ नवदुर्गा के नौ रुपों की आराधना होती है। लेकिन आप इस नवदुर्गा कवच के माध्यम से हर समय माँ के नौ रुपों का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। इस कवच के मध्य में हाई डेफिनिशन लेंस द्वारा नव दुर्गा की नौ शक्तियों का स्वरूप देखा जा सकता है। यह कवच किसी भी प्रकार की बुरी ताक़त से बचाव करता है। जो कोई व्यक्ति इस यंत्र को धारण करता है वह निडर भाव से हर परिस्थिति का सामना करने में सक्षम होता है। साथ ही उसके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इससे एकाग्रता शक्ति भी बढ़ती है और रोगों, दुखों, दरिद्रता एवं भय से मुक्ति read more मिलती है।
कालरात्रि – क्लीं ऐं श्री कालिकायै नमः।।
देवता, असुर और मानव के लिए अलग-अलग हैं शिवलिंग, जानिए अद्भुत जानकारी
हिंदू धर्मात भगवान शिवाची उपासना अतिशय महत्तवाची मानली जाते. सर्व प्रकारच्या शिवलिंगांच्या पूजेमध्ये पारद शिवलिंगाचे खूप महत्त्व आहे.
नंदुरबारमधील नवापूर शहर बुडाले पाण्यात
लिंगकोटिसहस्त्रस्य यत्फलं सम्यगर्चनात्। तत्फलं कोटिगुणितं रसलिंगार्चनाद् भवेत्।।
शकितशाली शाबर मंत्र : शाबर मंत्र को सिद्ध करने का आसान तरीका
पारदशिवलिंग इतना शक्तिशाली शिवलिंग है की अगर पूजा करने वाले उपासक पर कोई संकट आता है तो यह शिवलिंग स्वयं अपने ऊपर ले लेता है और टुट जाता
पारद शिवलिंग को घर में स्थापित करने से कई लाभ प्राप्त होते हैं, जिनमें शामिल हैं:
ओढ्याला पूर आल्याने बैलगाडीसह गाय-वासरू गेले वाहून
म्हणजेच कोट्यावधी शिवलिंगाच्या दर्शनाचे फळ एकट्या पारद शिवलिंगाच्या पूजेने आणि दर्शनाने मिळते. पारद शिवलिंगाची पूजा केल्याने सकारात्मक फळ लाभते. धार्मिक मान्यतेनुसार, पारद शिवलिंग हे भगवान शंकराचे वास्तविक रूप आहे, म्हणून या शिवलिंगाची विधीवत पूजा केल्याने अनेक प्रकारे फायदा होतो. घरातील पारद शिवलिंग सौभाग्य, शांती, आरोग्य आणि सुरक्षिततेसाठी अत्यंत शुभ आहे. दुकाने, कार्यालये आणि कारखान्यांमध्ये व्यवसाय वाढवण्यासाठी पारद शिवलिंगाची पूजा हा एक निश्चित मार्ग आहे.
उस पर मेरी कृपा सदा बनी रहेगी
आपण ह्या लेखात पारद शिवलिंग बद्दल जाणून घेऊया.
जहरीला होने के कारण पारे को अष्ट संस्कार करके ही शिवलिंग निर्माण किया जाता है